WHAT DOES असली पारद शिवलिंग कहा मिलेगा MEAN?

What Does असली पारद शिवलिंग कहा मिलेगा Mean?

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पारद शिवलिंग हे महादेवाचे प्रत्यक्ष रुप मानले जाते. त्यामुळे घरात पारद शिवलिंगाची प्रतिष्ठापना करा. घरातील देव्हाऱ्यात पार्वती-शिवांचे चित्र असेल तर त्यांच्यासमोर पारद शिवलिंगाची स्थापना करा. तत्पुर्वी चांदीच्या, तांब्याच्या किंवा पितळाच्या ताटावर पांढरे कापड पसरून त्यांना शिवलिंग बसवावे. सर्व प्रथम पारद शिवलिंगाच्या उजव्या बाजूला दिवा लावावा. त्यापूर्वी त्यांना गंगाजलाने आभिषेक करा.

पारद शिवलिंग तयार करणे खूप अवघड काम आहे. सर्वात पहिले पारा शुद्ध केला जातो. त्यानंतर विविध औषधी मिसळून द्रवरूप पाऱ्याचे बंधन केले जाते म्हणजे ठोस बनवले जाते.

शिवलिंग की यह व्याख्या शैव सम्प्रदाय की प्रमुख परम्परा - शैव सिद्धांत के अनुसार है। शिवलिंग का ऊपरला हिस्सा परशिव और निचला हिस्सा यानी पीठम् पराशक्ति को दर्शाता है। पराशक्ति एवं परशिव भगवान शिव की दो परिपूर्णताएँ हैं।

पारद और स्फटिक में से कौन-सा शिवलिंग बेहतर होता है?

शिव पुराण के अनुसार जो लोग शिवलिंग की पूजा करके महादेव को प्रसन्न करना चाहते हैं, उन्हें सुबह के समय और दोपहर से पहले पूजा कर लेनी चाहिए. तभी ये पूजा विशेष रूप से फलदायी होती है. इसके अलावा याद रखें कि घर में जिस जगह पर शिवलिंग हों, उनके पास पूरा शिव परिवार माता गौरी, गणपति और कार्तिकेय जी को भी बैठाएं.

यासाठी संबंधित क्षेत्रातील तज्ज्ञांचा सल्ला आणि मार्गदर्शन घेणे आवश्यक आहे.)

साथ ही अपने आसपास गंगाजल, रोली, मोली चावल, दूध और हल्दी चंदन रखना चाहिए।

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भांग, धतूरा और बेलपत्र शिवलिंग पर अवश्य चढ़ाएं यह शिव को प्रिय है।

सुख-समृद्धि: पारद शिवलिंग की उपस्थिति से घर में सुख, समृद्धि और शांति का वास होता है।

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